रांची: राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफे के बाद नेताओं की ओर से राजभवन के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने राजभवन में गुरुवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 31 जनवरी को हेमंत सोरेन के साथ जितने लोग आए थे वे सभी जानते हैं कि हेमंत सोरेन ने राजभवन आकर खुद इस्तीफा सौंपा था। मैंने इस्तीफा देने को नहीं कहा था। इस पूरे प्रकरण में राजभवन की कोई भूमिका नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि ईडी ने हेमंत सोरेन को हिरासत में ले लिया था। इस बात का जिक्र खुद हेमंत सोरेन ने अपने इस्तीफे में किया है, जिसमें बताया कि उन्हें ईडी ने हिरासत में ले लिया है इसलिए मैं इस्तीफा देना चाहता हूं। मैंने कहा तो ठीक है मैं मानने को तैयार हूं। राज्यपाल ने बताया कि वे तीन घंटे से तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इंतजार कर रहे थे और जब वह आए तो हमने इस्तीफा स्वीकार कर लिया।
उन्होंने कहा कि अगर लोग राजनीतिक लाभ के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं।संवैधानिक प्राधिकारी के रूप में हम यहां संविधान की रक्षा के लिए हैं और जब वे आरोप लगा रहे हैं, तो सबूत कहां है। कुछ दैनिक समाचार पत्रों ने भी लेख लिखे हैं कि ‘’राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी” हमने ऐसा कभी नहीं किया, लेकिन हमने उस अखबार को नोटिस जारी किया है।